एकता की प्रतिमूर्ति ‘STATUE OF UNITY’: गुजरात के केवड़िया में बदलता पर्यटन, समाज और रोजगार
गुजरात के केवड़िया में स्थित भारत की शान ‘STATUE OF UNITY’ आज देश ही नहीं, बल्कि विश्व भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। 182 मीटर ऊंचा यह स्मारक भारत के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है, जिसका उद्घाटन वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। बीते छह वर्षों में यह स्थल न केवल एक ऐतिहासिक श्रद्धांजलि बनकर उभरा है, बल्कि क्षेत्रीय विकास, सामाजिक बदलाव और सतत रोजगार सृजन का भी प्रतीक बन गया है.

सरदार पटेल के विराट योगदान की स्मृति
सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय एकता के सूत्रधार रहे हैं। देश के 562 रियासतों का एकीकरण कर उन्होंने एक अखंड भारत की नींव रखी थी। ‘STATUE OF UNITY’ उनकी इसी अमर विरासत को श्रद्धांजलि देती है। यहां आने वाले पर्यटक इस बात को महसूस करते हैं कि यह केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की भावना का जीवंत प्रमाण है। आगंतुक डॉ. पुरूषोत्तम साहू के अनुसार, “सरदार पटेल ने कभी देश को जोड़ने का सपना देखा था, उसी को प्रधानमंत्री मोदी जी ने मूर्त रूप दिया।”
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‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल
STATUE OF UNITY एरिया डेवेलपमेंट एंड टूरिज्म अथॉरिटी के सीईओ अमित अरोड़ा के मुताबिक, क्षेत्र का विकास ‘एकता’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन केंद्र बनाने की सोच के तहत हुआ है। केवड़िया क्षेत्र आज एक संपूर्ण परिवारिक पर्यटन स्थल बन गया है, जहाँ पर्यटक खूबसूरत ‘एकता नर्सरी’, रोमांचक इवनिंग लेज़र शो, और कई अन्य अनूठे आकर्षणों का आनंद उठा सकते हैं.
विश्वस्तरीय सुविधाएं – बुजुर्गों और बच्चों के लिए खास
यहां दी जाने वाली सुविधाओं को विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और छोटे बच्चों की जरूरतों के अनुसार विकसित किया गया है। पर्यटक पिनाकी विजय चौस्की ने बताया, “यहाँ लिफ्ट, गाइड, बैठने की जगह और पीने के पानी जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जिससे हर उम्र के लोग बिना किसी परेशानी के आनंद ले सकते हैं।”
स्थानीय महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का अवसर
STATUE OF UNITY परियोजना के जरिये स्थानीय समाज विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी बेहतरीन बदलाव आया है। केवड़िया क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं अब ‘पिंक इलेक्ट्रिक ऑटो’ चलाकर पर्यटकों को स्टैच्यू परिसर में लाती-जाती हैं। गीता नामक महिला ड्राइवर बताती हैं, “पहले हम घर पर ही रहते थे, लेकिन जब ऑटो चलाना शुरू किया तब हमें रोजगार मिला। अब आमदनी से घर की हालत भी सुधर रही है, और आत्मविश्वास भी बढ़ा है.”
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पर्यावरण के अनुकूल यातायात – युवा वर्ग के लिए रोजगार
पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर शासन ने ई-कार्ट सेवा शुरू की है, जिसके माध्यम से पर्यटक गेट से स्टैच्यू तक आते-जाते हैं। स्थानीय युवा अब इन ई-कार्ट्स के ड्राइवर बन कर अपने परिवार की आर्थिक दशा सुधार रहे हैं। ड्राइवर संजयभाई जितेंदरभाई के अनुसार, “सरकार ने STATUE OF UNITY को बनाकर हम युवाओं को रोज़गार दिया। पूरे क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को इसका लाभ मिला है।”
पर्यटन के साथ सामाजिक-आर्थिक बदलाव
STATUE OF UNITY का प्रभाव केवल पर्यटन तक सीमित नहीं है, यह पूरे क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का माध्यम बन गया है। हजारों स्थानीय लोग विभिन्न सेक्टरों – जैसे सुरक्षा, सफाई, परिवहन, गाइडिंग, होटल मैनेजमेंट और हॉस्पिटैलिटी – में रोज़गार प्राप्त कर सकें हैं।
पर्यटन उद्योग के विस्तार के साथ स्थानीय दुकानदारों, हैंडीक्राफ्ट विक्रेताओं और रेस्तरां मालिकों की भी आय बढ़ी है। एकता नर्सरी में पौधों की बिक्री, ट्राइबल आर्ट सेंटर की स्थापना और क्षेत्र में नए होटल्स के संचालन ने आर्थिक गतिविधियों को नया आयाम दिया है।
सांस्कृतिक एकता और पारिवारिक आनंद
STATUE OF UNITY क्षेत्र में आने वाले पर्यटक न केवल ऐतिहासिक विरासत से रूबरू होते हैं, बल्कि एकता की भावना से भरपूर गतिविधियों का भी अनुभव करते हैं। शाम को होने वाले ‘लेज़र शो’ में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन, सरदार पटेल के जीवन और राष्ट्रीय एकता को अत्याधुनिक तकनीक के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जिससे बच्चों में देशप्रेम की भावना जागृत होती है।
यहां की एकता नर्सरी न केवल दुर्लभ पौधे देखने का अवसर देती है, बल्कि पर्यावरण शिक्षा का भी केन्द्र है। यहां तरह-तरह के पौधों की जानकारी देने के साथ-साथ, पौधरोपण वर्कशॉप भी आयोजित की जाती है, ताकि समाज में हरित क्रांति को भी बल मिले।
समावेशी विकास और सतत पर्यटन
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण और इसके आसपास की सुविधाओं का विस्तार समावेशी विकास का उदाहरण हैं। क्षेत्र के सभी समुदायों को रोजगार, व्यवसाय अथवा प्रशिक्षण के विविध अवसर मिले हैं। विशेष रूप से महिला और युवा वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के लिये कई प्रयास किये गये हैं, जिनका सीधा सकारात्मक असर समाज की आर्थिक स्थिति पर पड़ा है।
पर्यटन के साथ ही सतत् विकास की दिशा में भी यहाँ कई पहल की गई हैं – जैसे सोलर एनर्जी का उपयोग, जल संरक्षण, और पारिस्थितिकी संरक्षण के उपकरणों का प्रयोग। इससे स्थानीय पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीति और राष्ट्रीय दर्शन से मिली। उन्होंने देश की एकता, सामाजिक समावेशिता और पर्यावरण संरक्षण को साथ लाकर इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय मानकों का पर्यटन स्थल बना दिया है। जैसे-जैसे यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, पर्यटन और समाज दोनों का विकास एक नए तेजी से हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि सरदार पटेल जैसी शख्सियत को जीवंत स्मारक स्वरूप देना, युवा पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ना, क्षेत्र के आर्थिक-सामाजिक विकास को गति देना और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना फैलाना ही इस परियोजना का मूल उद्देश्य है.
निष्कर्ष: विरासत, विकास और मानवता का संगम
गुजरात का केवड़िया क्षेत्र आज न केवल एक भव्य स्मारक और पर्यटन केन्द्र के तौर पर जाना जाता है, बल्कि सामाजिक विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन और पर्यावरण-सम्वेदनशीलता जैसी नई ऊंचाइयों तक पहुंच चुका है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की सफलता ने यह सिद्ध किया है कि भारत अपनी ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित रखते हुए आधुनिकता, समावेशिता और प्रगतिशीलता की दिशा में भी तेजी से अग्रसर है.
यह मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणा है कि किस प्रकार विरासत संरक्षा, पर्यटन, और रोजगार – तीनों को समन्वित कर समाज का सर्वांगीण विकास संभव है।


