एक लाख लोगों ने blood donation किया, गुजरात में 30,000 स्वास्थ्य शिविर आयोजित–
भावनगर (गुजरात), 20 सितंबर 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में आयोजित सेवा पखवाड़ा की उपलब्धियों को सराहा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान गुजरात में अब तक एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक blood donation किया है, जबकि 30,000 से ज्यादा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनसे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुआ।
सेवा पखवाड़ा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) से होती है और यह 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी जयंती तक चलता है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का जनसेवा अभियान है, जिसमें blood donation camps, स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य जांच शिविर, और पर्यावरण संरक्षण के प्रोजेक्ट शामिल होते हैं। यह अभियान लोगों में सेवा भावना जागृत करने और समाज के सभी वर्गों तक स्वास्थ्य और स्वच्छता की सुविधाएँ पहुँचाने का माध्यम है।

सेवा पखवाड़ा: एक परिचय
सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य देशभर में सेवा की भावना को बढ़ावा देना है। हर वर्ष यह अभियान देश के सभी हिस्सों में व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। भाजपा की अगुवाई में चलने वाले इस अभियान में blood donation camps, स्वास्थ्य जांच, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण जैसे कई कार्यक्रम शामिल होते हैं।
इस बार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर पूरा देश सेवा पखवाड़ा मना रहा है। प्रदेशों की सरकारें, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाएं, और युवाओं की सक्रिय भागीदारी से यह बड़ा आयोजन संभव हो पा रहा है।
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गुजरात में सेवा पखवाड़ा: रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धियां
गुजरात ने इस बार सेवा पखवाड़ा में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। राज्य में आयोजित blood donation camps में अब तक 100,000 से अधिक लोगों ने blood donation किया है। इनमें सरकारी कर्मचारी, विद्यार्थी, स्थानीय निवासी और कई समाजसेवी शामिल हैं।
गुजरात सरकार की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 30,000 से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं, जिनमें मुफ्त दवा वितरण, स्वास्थ्य जांच, और प्राथमिक उपचार की सुविधा प्रदान की गई। इन शिविरों का विशेष ध्यान महिलाओं के स्वास्थ्य और मातृत्व देखभाल पर केंद्रित था।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में blood donation और स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन से अस्पतालों में रक्त की कमी जैसी समस्याओं में काफी कमी आई है।
‘Namo ke Naam Blood Donation’ अभियान
गुजरात में 16 सितंबर को ‘Namo ke Naam Blood Donation’ नामक एक विशेष blood donation मुहिम भी आयोजित की गई थी, जिसके तहत सिर्फ एक दिन में 378 मेगा blood donation camps में लगभग 56,265 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। यह अभियान प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन से पहले आयोजित किया गया था और यह भारतीय इतिहास में पहली बार सरकारी कर्मचारियों द्वारा किसी नेता के जन्मदिन पर इतनी बड़ी blood donation मुहिम आयोजित की गई।
राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस कार्नर पर कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि गुजरात सरकार के सभी कर्मचारियों ने मिलकर भारत के लिए एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इस blood donation से हजारों लोगों की जान बचाई जाएगी।”
व्यापक सामाजिक प्रभाव
सेवा पखवाड़ा केवल blood donation अभियान तक सीमित नहीं है। इस अभियान ने सामाजिक समरसता को भी बल दिया है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में संबंधित स्वास्थ्य संवाद, स्वच्छता अभियानों और वृक्षारोपण कार्यक्रमों के जरिए समाज के हर वर्ग तक सेवा का संदेश पहुँचाया गया।
विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य शिविरों ने नजदीकी चिकित्सा सहायता प्रदान कर स्वास्थ्य सेवाओं की दूरी कम की है। इससे अनेक कठिनाइयों का सामना कर रहे गरीब और बीमार लोगों को बड़ी राहत मिली है।
भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम और विकास परियोजनाएँ
प्रधानमंत्री मोदी ने भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के तहत ₹34,200 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल भावनगर या गुजरात के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए है।
उन्होंने कहा, “यहाँ से हमारी समृद्धि की यात्रा समुद्र के रास्ते शुरू होती है। भले ही कार्यक्रम भावनगर में हो, किंतु इसकी छवि पूरे देश का प्रतीक है। हमें सुनिश्चित करना होगा कि विकास की लहर सभी को एकसमान समृध्दि प्रदान करे।”
महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस
प्रधानमंत्री ने महिला स्वास्थ्य को विशेष महत्व देते हुए कहा कि सेवा पखवाड़ा के दौरान महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर पूरे राज्य में लगाए गए। मातृत्व देखभाल, पोषण और स्वच्छता जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस पहल से महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, वहीं उन्हें सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के नये अवसर भी मिले हैं।
युवा और स्वयंसेवी संगठन
सेवा पखवाड़ा के दौरान युवाओं और स्वयंसेवी संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने blood donation शिविर, सफाई अभियान और स्वास्थ्य जागरूकता सत्र आयोजित किए।
भावनगर के युवा छात्र राहुल ने बताया कि उन्होंने पहली बार इस अभियान के तहत blood donation किया है और अब वे इसे नियमित रूप से करने का संकल्प ले चुके हैं। ऐसे कई युवा हैं जो देश सेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित हुए हैं।
सेवा पखवाड़ा का राष्ट्रीय महत्व
सेवा पखवाड़ा अभियान पूरे देश में मनाया जाता है। यह न केवल सेवा की भावना को जीवित रखता है, बल्कि केंद्र सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं को आम जनता तक पहुँचाने में भी भूमिका निभाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सेवा पखवाड़ा “भारत की सेवा संस्कृति” का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी समाज के प्रति जिम्मेदार बनाने का काम करेगा।
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निष्कर्ष
गुजरात का सेवा पखवाड़ा अभियान एक सफल उदाहरण है कि कैसे सरकार, समाज और नागरिक मिलकर सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इस पहल ने “blood donation” के क्षेत्र में नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश स्पष्ट है कि सेवा के इस रास्ते पर चलकर ही हम एक समृद्ध, स्वस्थ और स्वच्छ भारत का निर्माण कर सकते हैं।


